सूर्य से पृथ्वी कि दुरी और हनुमान चलिसा
सूर्य से पृथ्वी कि दुरी कितने है हम मे से बहुत लोग जानते है. अगर नहि जानते तो कोइ बात नहि नीचे के पोस्ट परिये यदि हमे बचपन से संस्कृति परया जात तो कितने आच्छे होते यदि हमे इसके बरे मे पुरा ज्ञान होत जैसे ऋग्वेद, आयुर्वेद, सामवेद, ... तो कितने आच्छे होते
बरी सरलता से तुलसि दस जी ने महेज चार लाईन मे ये दुरी बता दी.
सूर्य से पृथ्वी कि दुरी और हनुमान चलिसा
“ !!! जुग सहस्त्र योजन पर भानु !!! ”
“ !!! लिल्ल्यो ताहि मधुर फ़ल् जानु !!! “
12000(जुग) * 1000(सहस्त्र) * 8(1योजन = 8 मील) = 9,60,00,000 मील
9,60,00,000 मील * 1.6 (मील=1.6कि.मी)= 15,36,00,000 कि.मी
लिल्ल्यो ताहि मदुरा फ़ल् जानु = हनुमान जी ने पन्द्रह करोड छत्तिस लख किलोमितर पृथ्वी से दुरी पे सूर्य को लिल्ल्यो (निगाल लिया) मधुर (मिटा) फ़ल् जानकर
युग शब्द चार के अर्थ मे प्रयुक् होत है
सत्युग दिव्य बर्ष मे 4800 बर्ष तथा सौर बर्ष मे 1728000 बर्ष
तृता युग दिव्य बर्ष मे 3600 बर्ष तथा सौर बर्ष मे 1296000 बर्ष
द्वापर युग दिव्य बर्ष मे 2400 बर्ष तथा सौर बर्ष मे 864000 बर्ष
कलियुग दिव्य बर्ष मे 1200 बर्ष तथा सौर बर्ष मे 432000 बर्ष
चतुर्युग का मन सौर बर्षो मे आधिकांश व्यक्ति जानते है
किन्तु चतुर्युग का मान दिव्य बर्षो मे 12000 है एक जुग = 12000 बर्ष
हम जानते है कि सूर्य से पृथ्वी कि दुरी 150000000 ( पन्द्रह करोड ) किलोमिटर लगभग है जबकि तुलसीदास जी ने बड़ी सरलता से महाज चार लाईन मे ये दुरी बता दी थी
मगर हम ठहरे सेक्युलर और कन्वेनट के पड़े लिखे तो हम तो वहि मानेगे जो NEWTON हमे हमेरे ग्रन्थो से चुरके बतयेगा
धन्यबाद!
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